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मोती रत्न के लाभ/Pearl Gemstone Benefits
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मोती रत्न के लाभ/Pearl Gemstone Benefits

मोती रत्न के लाभ (Pearl Gemstone Benefits): मोती रत्न को चंद्रमा का रत्न कहा जाता है, जिसे संस्कृत में मुक्तक, अंग्रेजी में इसे Pearl कहते हैं। मोती 9 प्रकार के होते है, इनका अपना-अपना महत्व होता है।

गज मुक्तक (Pearl Gemstone Benefits): यह मोती संसार में सर्वश्रेष्ठ होते हैं, पर बड़ी कठिनता से प्राप्त होते हैं। जिन हाथियों का जन्म पुष्य यह श्रावण नक्षत्र में चन्द्र एवं रविवार को होता है, उनके विशाल मस्तिष्क में यह मोती पाया जाता है। कुछ मोती हस्तियों के दन्तकोष से भी पाए जाते हैं। ये मोती देखने में मजबूत और तेज युक्त होते हैं, इस प्रकार के महापवित्र मोती को शुभ मुहूर्त में धारण किया जाय, तो जीवन की समस्त समस्या मिट जाती हैं, मन को अपार शांति मिलती है, तथा घर में सम्पन्नता का वातावरण बना रहता है।

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सर्प मुक्तक (Pearl Gemstone Benefits): श्रेष्ठ वासुकी जाति के भुजंगम सर्प के सिर में यह मोती पाया जाता है। ज्यों-ज्यों उस सर्प की उम्र बढ़ती जाती है, यह मोती हल्के नीले रंग का तेज युक्त, अत्यन्त प्रभावशाली होता जाता है। यह मोती रत्न (Pearl Gemstone Benefits) कठिनाई से प्राप्त होता है, इसे भाग्यशाली पुरुष ही धारण करते हैं। यह मोती जीवन की प्रत्येक इच्छा को सम्पन्न करने में समर्थ होता है।- मोती रत्न के लाभ

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वंश मुक्तक (Pearl Gemstone Benefits): जहाँ बाँसों के जंगल होते हैं, वहाँ उन में स्वाति, पुष्य या श्रवण नक्षत्र से एक दिन पहले से इसकी एक प्रकार की ध्वनि गुँजित होने लग जाती है और सम्बन्धित नक्षत्र के समाप्ति काल तक यह वेद-ध्वनि के समान गूँजता रहता है। ऐसे समय जिस बाँस में यह मोती होता है, उसे बीच से काट, बाँस के गर्भस्थल में से इसे निकाल लिया जाता है। इसका रंग हल्का हरा और आकृति गोल होती है। इस मोती को उत्तम कोटि के भाग्यशाली ही प्राप्त करने में सफल होते हैं। इस मोती के धारण करने से भाग्योदय एवं घर में अटूट संपत्ति बनी रहती है। सामाजिक दृष्टि से ऐसे व्यक्ति अत्यन्त उच्च पद पर शीघ्र ही पहुँच जाते हैं।

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शंख मुक्तक (Pearl Gemstone Benefits): समुद्र में पाँच जन्य शंख में ज्वार-भाटे के समय उथल-पुथल में यह शंख सरलता से प्राप्त हो जाता है। पाँच जन्य शंख की नाभि में यह मोती स्थित होता है। इसका रंग हल्का नीला और यह देखने में सुन्दर होता है, इस मोती पर तीन धारियां होती है, यह मोती रत्न (Pearl Gemstone Benefits)आरोग्यवर्धक, स्थिरलक्ष्मी को प्राप्त करने में सहायता और सर्व प्रकार के अभावों को दूर करने में समर्थ होता है।

शूकर मुक्तक (Pearl Gemstone Benefits): वाराह वर्ग में उत्पन्न शूकर के यौवनकाल में यह उसके मस्तिष्क से प्राप्त होता है। देखने में यह पीले रंग का गोल, सुन्दर एवं चमकदार होता है। इसके धारण करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है तथा वाक्शक्ति(बोलने पर सच हो जाना)प्राप्त होती है। जिसके कन्या सन्तान ही होती हों, पुत्र सुख प्राप्त न हो, उस स्त्री को यह मोती रत्न (Pearl Gemstone Benefits) पहनाने से निश्चय ही पुत्र लाभ होता है।

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मीन मुक्तक (Pearl Gemstone Benefits): यह मोती रत्न (Pearl Gemstone Benefits) मछली के पेट से प्राप्त होता है। चने के आकार का यह पाण्डु रंग का चमकदार होता है। ऐसे मोती में एक प्रकार की रौशनी निकलती है, जो जल में डुबकी लगाने पर पानी में देखी जा सकती हैं। मोती क्षय रोग को मिटाने में समर्थ होता है।

आकाश मुक्तक (Pearl Gemstone Benefits): पुष्य नक्षत्र आकाश से बादलों में से कभी-कभी इस मोती की भी वर्षा होती है। इस वर्षा में एक या दो मोती ही नीचे गिरते हैं। भाग्यशाली पुरुषों को ही यह मोती प्राप्त होता है। यह मोती चमकदार एवं गोल आकृति का होता है। इसके धारण करने से व्यक्ति परम तेजस्वी और भाग्यशाली बनता है, उसके जीवन में कई बार उसे अटूट खजाने प्राप्त होते हैं।

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मेघ मुक्तक (Pearl Gemstone Benefits): रविवार को पुष्य या श्रवण नक्षत्र के दिन, वर्षा में यह मोती कभी-कभी नीचे गिरता है। इसका रंग सफ़ेद चमकीला होता है। इस मोती रत्न (Pearl Gemstone Benefits) के पहनने से जीवन में किसी भी प्रकार का अभाव नहीं रहता।

सीप मुक्ताक (Pearl Gemstone Benefits): यह मोती अधिकतर सीपों से ही प्राप्त होते हैं, सीप में स्वाति नक्षत्र में गिरी जल की बूँद से इस मोती का जन्म होता है। इस मोती पर चन्द्रमा का पूर्ण प्रभाव होता है। इनकी आकृति कई प्रकार की होती है। लम्बे, गोल, बेडौल, सुडौल तीखे और चपटे सभी प्रकार के होते है। यह मोती विश्व के लगभग सभी समुद्रों में मिल जाता है, पर स्याम और बसरे की खाड़ी में पाया जाने वाला उत्तम कोटि का होता है। चन्द्र प्रभावयुक्त व्यक्तियों को बसरे की खाड़ी का ही मोती धारण करना चाहिए। बसरे की खाड़ी का मोती श्रेष्ठ कहा गया है। इन मोतियों का रंग हल्का पीले रंग का होता है। इस मोती रत्न (Pearl Gemstone Benefits) के धारण करने से धन प्राप्ति, स्वास्थ्य लाभ तथा आनन्द की प्राप्ति होती है।

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मोती की पहचान (Pearl Gemstone Benefits):

काँच के गिलास में पानी डालकर उसमें मोती डाल दो, यदि पानी में से किरणें-सी निकलती दिखाई दे, तो मोती सच्चा समझना चाहिए।

गाय का मूत्र किसी मिट्टी के बर्तन में लेकर उसमें मोती डाल दें और उस मोती को रात-भर उसमें रहने दें। प्रात: यदि मोती टुटा हुआ नहीं मिले, तो उस मोती को शुद्ध समझना चाहिए।

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धान की भूसी में मोती रखकर खूब मलें। यदि मोती नकली होगा, तो उसका चुरा हो जाएगा और यदि असली मोती होगा, तो वह चमककर और निखर आयेगा।

घी में शुद्ध मोती रखने से घी पिघल जाए, तो शुद्ध मोती समझना चाहिए।

मोती रत्न के लाभ (Pearl Gemstone Benefits):

मोती को ग्रहों की रानी कहा गया है, यह चंद्रमा का रत्न है, जो व्यक्ति इस रत्न को धारण करता है, वह हमेशा खुश रहता है, उसकी जान पहचान बनती रहती है, ऐसे व्यक्ति पर सदा लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है, धन की उसे कमी नही रहती, इस मोती रत्न (Pearl Gemstone Benefits) को धारण करने से राहु, शनि, मंगल ग्रह का प्रकोप कम होने लगता है, घर पीड़ा उसे कम सताती है।

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इस मोती रत्न (Pearl Gemstone Benefits) को कोई भी धारण कर सकता है, यह रत्न सबको लाभ देता है, इसके लिए किसी ज्योतिषी से पूछने की आवश्यकता नही होती, मोती पहनने से कार्यो में सफलता मिलती है, सुख-सम्पत्ति, धन लाभ, उच्चपद, वाहन, व्यापार, मान सम्मान, प्रतिष्ठा आदि प्राप्त होते है।

इस रत्न को धारण करने से पेट की समस्या, खून की कमी, गैस, पीलिया, गुर्दा, रक्त सम्बन्धी बिमारी आदि धीरे-धीरे समाप्त हो जाती है।

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मोतियों के दोष (Pearl Gemstone Benefits):

मोती में कई प्रकार के दोष पाए जाते है, पर हमेशा साफ, सुन्दर चमकदार, और चिकना मोती लेकर ही धारण करे, निम्न में से कई दोष मोती में पाए जाते है, तो वह लाभ की जगह हानि देने वाला होता है।

टुटा मोती: टुटा हुआ मोती हानिप्रद होता है। ऐसा मोती पहनने से कष्ट बढ़ता है। मन अस्थिर हो जाता है।

रेखित मोती: जिस मोती रत्न (Pearl Gemstone Benefits) में लहरदार रेखा दिखाई दे, वह अच्छा मोती नहीं कहा जा सकता, ऐसा मोती धारण करने से आर्थिक हानि बनी रहती है।

मेंडा मोती: जिस मुक्तक के चारों ओर रेखा खिंची हुई दिखाई दे वह मेंडा मोती कहलाता है। ऐसा मोती स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।

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धब्बा मोती: जिस मोती में कई रंग या एक ही रंग के छोटे-छोटे बिन्दु दिखाई दें, ऐसा मोती धारण करने से बल-बुद्धि नष्ट हो जाता है।

मस्सा मोती: जिस मोती में कई रंग के या एक ही रंग के छोटे-छोटे बिन्दु दिखाई दें, ऐसा मोती धारण करने से बल-बुद्धि एवं वीर्य नष्ट हो जाता है।

दुर्बल मोती: जो मोती बेडोल, लम्बा या दुर्बल -सा हो, तो वह मोती पहनने से धन का नाश होता है।

निस्तेज मोती: बिना चमक का मोती अशुभ कहा गया है, और ऐसा मोती दरिद्रता लाने वाला होता है।

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चोंच मोती: जिस मोती की चोंच हो, या एक तरफ से नुकीला हो, तो ऐसा मोती घर की हानि करने वाला होता है।

चतुर्भुज मोती: जो मोती चपटा हो और चार कोणों से युक्त हो, तो ऐसा मोती धारण करने से पत्नी का नाश होता है।

त्रिकोण मोती: तीन कोनों वाला मोती पहनने वाले को नपुंसक बनाता है तथा बल, वीर्य एवं बुद्धि का नाश करता है।

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काक मोती: जिस मोती में मोटा-सा काला धब्बा हो, वह काक मोती कहलाता है। ऐसा मोती जातक की संतान के लिए भयंकर कष्टप्रद होता है।

चपटा मोती: जो मोती चपटा हो, वह सुख-सौभाग्य का हरण करने वाला एवं चिन्ताओं को बढ़ाने वाला होता है।

ताम्रक मोती: ताम्बे के रंग का मोती कुल का नाश करने वाला होता है।

रक्तमुखी मोती: लाल रंग का मोती लक्ष्मी का नाश करने वाले होते है।

रेखक मोती: जिस मोती के गर्भ में लम्बी-सी लकीर दिखाई दे, वह मोती अशुद्ध होता है।

रत्न धारण: प्राण प्रतिष्ठित शुद्ध मोती रत्न (Pearl Gemstone Benefits), जिस पर चन्द्र ग्रह का तंत्रोक्त मन्त्रजाप किया हुआ हो, वह 4 या 7 रत्ती का लेकर चांदी की अंगूठी बनवाकर, शुक्ल पक्ष में धारण करने से पहले कच्चे दूध में 8 घंटे डुबोकर रखे, फिर प्रात: सोमवार को शाम को 5 से 7 बजे के बीच शिव जी को प्रणाम करके उलटे हाथ की छोटी ऊँगली (कनिष्ठका) में धारण करे।

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मोती का उपरत्न (Pearl Gemstone Benefits):

मोती के दो उपरत्न है, जो व्यक्ति मोती नहीं पहन सकते, उन्हें उपरत्न धारण करना चाहिए।

निमरू : सीप की मृत्यु पर उसकी पूछँ से छोटा-सा मोती रत्न मिलता है जो ‘निमरू’ कहलाता है। यह चन्द्र का उपरत्न कहलाता है। यद्दपि यह मोती रत्न (Pearl Gemstone Benefits) के समान प्रभावशाली तो नहीं होता, फिर भी इसके पहनने से किंचित् लाभ अवश्य होता है। निमरू का रंग चाँदी के समान उज्ज्वल सफेद होता है।

चन्द्रमणि : सफेद रंग का पुखराज चन्द्रमणि कहलाता है। यह शुभ, चमकदार और अच्छे पानी का होता है तथा इसके ऊपर किसी भी प्रकार का धब्बा नहीं दिखाई देता। लंका और रामेश्वरम् में यह पाया जाता है।

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