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रुद्राक्ष परिचय
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रुद्राक्ष परिचय

  • aksha) पहनें।
  • पुलिस अधिकारी नौ व तेरह मुखी रुद्राक्ष पहनें।
  • डॉक्टर, वैद्य नौ व ग्यारह मुखी रुद्राक्ष (About Rudraksha) पहनें।
  • सर्जन दस, बारह व चौदह मुखी रुद्राक्ष पहनें।
  • चिकित्सा जगत के लोग 3 व चार मुखी रुद्राक्ष (About Rudraksha) पहनें।
  • मैकेनिकल इंजीनियर दस व ग्यारह मुखी रुद्राक्ष पहनें।
  • सिविल इंजीनियर आठ व चौदह मुखी रुद्राक्ष पहनें।
  • इलेक्ट्रिकल इंजीनियर सात व ग्यारह मुखी रुद्राक्ष पहनें।
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  • कंप्यूटर सॉफ्टवेयर इंजीनियर चौदह व गौरी शंकर रुद्राक्ष पहनें।
  • कंप्यूटर हार्डवेयर इंजीनियर नौ व बारह मुखी रुद्राक्ष (About Rudraksha) पहनें।
  • पायलट, वायुसेना अधिकारी दस व ग्यारह मुखी रुद्राक्ष पहनें।
  • अध्यापक छह व चौदह मुखी रुद्राक्ष पहनें।
  • ठेकेदार ग्यारह, तेरह व चौदह मुखी रुद्राक्ष (रुद्राक्ष परिचय) पहनें।
  • प्रॉपर्टी डीलर एक, दस व चौदह मुखी रुद्राक्ष पहनें।
  • दुकानदार दस, तेरह व चौदह मुखी रुद्राक्ष पहनें।
  • उद्योगपति बारह व चौदह मुखी रुद्राक्ष पहनें।
  • होटल मालिक एक, तेरह व चौदह मुखी रुद्राक्ष पहनें।
  • विद्यार्थियों व बच्चों की शिक्षा के लिए ‘गणोश रुद्राक्ष’ धारण करवाएं। बच्चा स्वयं अच्छी शिक्षा में नाम कमाएगा। इसे शुभ मुहूर्त में धारण करें।
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रुद्राक्ष धारण करने के नियम (रुद्राक्ष परिचय):

  • सभी वर्ण के लोग रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं, पर ब्रह्माणों को चाहिए कि वे मन्त्र के साथ रुद्राक्ष धारण करें, पर अन्य वर्णों को बिना मन्त्र के भी रुद्राक्ष धारण करने की आज्ञा है।
  • रुद्राक्ष धारण करते समय ‘ॐ नम: शिवाय’ का जप करना चाहिए तथा ललाट पर भस्म लगानी चाहिए।
  • स्नान, दान, जप, होम, वैश्वदेव, देवताओं की पूजा, प्रायश्चित, श्राद्ध और दिक्षाकाल में बिना रुद्राक्ष (About Rudraksha) धारण किए, जो कुछ भी वैदिक कार्य किया जाता है, वह व्यर्थ जाता है।
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  • अपवित्रता के साथ रुद्राक्ष धारण न करें, रुद्राक्ष को भक्ति के साथ धारण करना चाहिए।
  • सोने तथा चांदी के तारों में पिरोकर इसकी माला धारण करनी चाहिए, लाल धागे में भी यह माला पिरोई जा सकती है।
  • पुरुष यज्ञोपवीत, हाथ, कंठ अथवा पेट पर रुद्राक्ष धारण कर सकता है।
  • जो शिव के भक्त हैं उनको अपने हाथ में रुद्राक्ष का कड़ा धारण करना चाहिए। विषम संख्या से युक्त रुद्राक्ष धारण करना उत्तम माना गया है। रुद्राक्ष परिचय
  • सोने की अंगूठी में यदि रुद्राक्ष जड़वा कर दाहिने हाथ की किसी भी उंगली में धारण करें, तो उसे मनोवांछित फल प्राप्त होता है। रुद्राक्ष परिचय
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  • जो मनुष्य सिर में रुद्राक्ष धारण करके स्नान करता है, उसे गंगा स्नान के समान फल प्राप्त होता है।
  • जो नित्य रुद्राक्ष धारण करता है, वह राजा के समान धनवान होता है।
  • रुद्राक्ष धारण करने पर चालीस दिन के भीतर–भीतर कार्य सिद्धि होती है, पर इसमें अटूट श्रद्धा तथा विश्वास आवश्यक है। रुद्राक्ष परिचय
  • मृग चर्म पर बैठकर पूर्व की तरफ़ मुंह करके रुद्राक्ष (About Rudraksha) धारण कर किसी भी मन्त्र का जप किया जाए तो अभूतपूर्व सिद्धि प्राप्त होती है।
  • रुद्राक्ष (About Rudraksha) के दर्शन करने से पुण्य लाभ, स्पर्श से करोड़ गुना पुण्य तथा धारण करने से सौ कोटि गुना पुण्य प्राप्त होता है। इसके जप करने से करोड़ गुना फल मिलता है।
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  • शिव को प्रसन्न करने के लिए तथा शिव साधना में सफलता प्राप्त करने के लिए रुद्राक्ष (About Rudraksha) का दाना श्रेष्ठ माना गया है।
  • मृत्यु के समय जिसके गले में रुद्राक्ष होता है, वह निश्चय ही शिव लोक में गमन करता है।
  • शिव पुराण के अनुसार सिर पर रुद्राक्ष (About Rudraksha) धारण करने से एक करोड़ गुना फल, कान में दस करोड़ गुना फल, गले में सौ करोड़ गुना फल तथा मणिबन्ध में रुद्राक्ष धारण करने से पूर्ण मोक्ष प्राप्त होता है।
  • शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति दोनों भुजाओं में सोलह, शिखा में एक, हाथ में बारह, कंठ में बत्तीस, मस्तक पर चालीस, कान में एक-एक, वक्षस्थल पर छ: इस प्रकार जो एक सौ आठ रुद्राक्ष (About Rudraksha) धारण करता है वह साक्षात् रूद्र के समान पूजनीय हो जाता है।
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  • बेर के समान मध्यम, चने के समान आकार वाले रुद्राक्ष (About Rudraksha) अधम तथा आंवले के समान आकार वाले रुद्राक्ष श्रेष्ठ माने गए हैं।
  • चार प्रकार के रुद्राक्ष होते हैं अत: ब्राह्मण को श्वेत वर्ण के रुद्राक्ष, क्षत्रिय को लाल, वैश्य को पीले तथा शूद्रों को काले वर्ण के रुद्राक्ष (About Rudraksha) धारण करने चाहिए।
  • जो रुद्राक्ष दृढ़ चिकना और मोटा होता है, वह श्रेष्ठ रुद्राक्ष (About Rudraksha) माना जाता है, इसके विपरीत जो कीड़ों से खाये हुए, बिना कांटों के, छिद्र करते समय फटे हुए तथा कृत्रिम रुद्राक्ष नुक़सान देने वाले माने गए हैं।
  • जिस प्रकार कसौटी पर घिसने से सोने की रेखा पड़ जाती है, उसी प्रकार जिस रुद्राक्ष (About Rudraksha) से कसौटी पर रेखा पड़ जाए, वह श्रेष्ठ रुद्राक्ष माना जाता है।
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