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लहसुनिया रत्न के लाभ/Cats Eye Gemstone Benefits
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लहसुनिया रत्न के लाभ/Cats Eye Gemstone Benefits

लहसुनिया रत्न के लाभ (Cats Eye Gemstone): केतु ग्रह का रत्न है इसे संस्कृत में सूत्रमणि अथवा वैदूर्य, फारसी में वैडूर तथा अंग्रेजी में Cats Eye कहते हैं। इस मणि में सफेद धारियाँ पाई जाती हैं। दो, तीन अथवा चार धारियाँ होना साधारण बात है। परन्तु उत्तम कोटि का लहसुनिया वह कहलाता है, जिस पर ढाई धारियाँ हों। यह रत्न अधिकतर अटक, विन्ध्याचल के आंचलों में, हिमालय तथा महानदी, काबुल, लंका आदि देशों में पाया जाता है। रात्रि में बिल्ली की आँखों के समान चमकने के कारण ही अंग्रेजी में इसे Cat’s eye stone कहा जाता है।

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यह लहसुनिया रत्न पीला, काले, हरे, और सफेद रंग में पाया जाता है, परन्तु सभी प्रकार के रत्नों पर सफेद धारियाँ अवश्य पाई जाती हैं। कभी-कभी धुएँ के रंग-सी धारियाँ भी देखने को मिलती हैं। ढाई धारियों वाला लहसुनिया सर्वाधिक कीमती और श्रेष्ठ माना जाता है।

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लहसुनिया की पहचान (Cats Eye Gemstone Benefits):

यह चिकना तथा फिसलने वाला होता है। इस पर धारियाँ खिंची रहती हैं।

सफेद कपड़े से रगड़ने पर यदि चमक में वृद्धि हो जाय, तो लहसुनिया अच्छा समझना चाहिए।

हड्डी पर इसे रख दिया जाए, तो चौबीस घण्टों में यह हड्डी के आरपार छेद कर देता है।

अँधेरे में यदि लहसुनिया रख दिया जाए और उसमें से किरणें निकलती-सी दिखाई दें, तो लहसुनिया श्रेष्ठ कोटि का समझना चाहिए।

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लहसुनिया रत्न के लाभ (Cats Eye Gemstone Benefits):

इस लहसुनिया रत्न (Cats Eye Gemstone Benefits) को धारण करने से केतु ग्रह का दुषप्रभाव समाप्त हो जाता है, केतु ग्रह शुभ फल देने लग जाता है, ऐसे व्यक्ति को जीवन में आकस्मिक धन प्राप्ति होती रहती है, वह बहुत कम समय में उन्नति कर लेता है, इस रत्न को धारण करने से अचानक से होने वाला नुकसान बंद हो जाता है।

यह रत्न आँतों की समस्या, मिर्गी, वायु, बवासीर फुंसियां, पेट में गैस बनना, शरिर में दर्द रहना, आदि रोगों को शीघ्र समाप्त करता हैं।

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लहसुनिया के दोष (Cats Eye Gemstone Benefits):

लहसुनिया रत्न में कई दोष पाए जाते है, पर लहसुनिया साफ, सुन्दर चमकदार, और चिकना लेकर ही धारण करे, निम्न में से कई दोष लहसुनिया में पाये जाते है, तो वह लाभ की जगह हानि देने वाला होता है।

धब्बा : यदि इस रत्न में कोई धब्बा दिखाई दे, तो वह रोगकारक माना जाता है।

गड्ढा: यदि लहसुनिया रत्न (Cats Eye Gemstone Benefits) खंडित हो, या उसमें छेद हो, या गड्ढा हो, तो ऐसा लहसुनिया शत्रु-भय बढ़ाता है।

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डोरा: यदि थरथराती धारी या पंक्ति इसमें दिखाई दे, तो यह नेत्रों को कष्ट पहुँचाता है।

चीरी: जिस लहसुनिया में चीर या क्रॅास का चिन्ह पाया जाय, वह शस्त्र से हानि पहुँचाता है।

सुन्न: जिस लहसुनिया में चमक न हो वह लक्ष्मी का नाश करने वाला माना गया है।

जाल: जिस लहसुनिया में जाल दिखाई दे, वह पत्नी के लिए घातक माना गया है।

रक्तबिन्दु: जिस लहसुनिया में लाल छींटे पाये जायें, वह कारावास दिलाता है।

श्वेत बिन्दु: जिस लहसुनिया में सफेद बिन्दु दिखाई दे, वाह प्राण-कष्ट देता है।

मधु बिन्दु: शहद के समान छींटे जिस लहसुनिया में हो, वह व्यापार में हानि देने वाला होता है।

पंचाधिका: जिस लहसुनिया में पाँच या इससे अधिक धारियाँ मिलें, वह हानिकारक होता है।

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रत्न धारण: शुद्ध प्राण प्रतिष्ठित लहसुनिया रत्न (Cats Eye Gemstone Benefits), जिस पर केतु ग्रह का तंत्रोक्त मन्त्रजाप किया हुआ हो, वह 6 या 7 रत्ती का लेकर चांदी में अंगूठी बनवाकर, धारण करने से पहले 24 घंटे गाय के मूत्र में डुबोकर रखे, फिर मंगलवार को प्रात: 4:24 से 6 बजे के बीच या शाम को 5 से 7 बजे के बीच हनुमानजी को प्रणाम करके सीधे हाथ की अनामिका(छोटी ऊँगली के साथ वाली) ऊँगली में धारण करे।

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लहसुनिया रत्न पहनने के दिन से तीन वर्षो तक लहसुनिया का प्रभाव बना रहता है, उसके बाद इसका प्रभाव कम हो जाता है, अत: फिर दूसरा लहसुनिया धारण करना चाहिए।

लहसुनिया के उपरत्न (Cats Eye Gemstone Benefits):

जो व्यक्ति लहसुनिया न खरीद सकें, उन्हें लहसुनिया रत्न (Cats Eye Gemstone Benefits) के उपरत्न खरीदकर धारण करने चाहिए। उपरत्न लहसुनिया की तुलना में कम प्रभावशाली माने जाते हैं।

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संगी: यह लाल, पीला, काला, हरा, मटमैला, सफेद प्रत्येक रंग में मिलता है तथा चिकना एवं चमकदार होता है। हिमालय से निकलने वाली नदियों में यह अधिकतर पाया जाता है।

गोदन्त: चिकना, सफेद रंग का तथा चमकीला होता है। अपेक्षाकृत यह वजन में हल्का होता है। विन्ध्य एवं हिमालय के आंचलों में इसका निवास स्थान है।

गोदन्ती: यह गाय के दाँत के समान चमकीला होता है। गोमती, गंडक आदि नदियों में यह अधिकतर प्राप्त होता है।

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