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शालिग्राम के लाभ/Shaligram ke labh
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शालिग्राम के लाभ/Shaligram ke labh

वेदों के अनुसार जिस प्रकार शिवलिंग को भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है, ठीक उसी प्रकार शालिग्राम को “भगवान विष्णु” का प्रतीक माना गया है।

शालिग्राम एक दुर्लभ पत्थर होता है, जो नेपाल के मुक्तिनाथ, काली गण्ड की नदी के तट पर देखने को मिलता है। यह पत्थर नीले, काले, भूरे, सफेद, और ज्योतियुक्त स्वरूप में पाया जाता है।

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सिद्ध शालिग्राम:

शालिग्राम (Shaligram ke labh) अपने आप में स्वयं सिद्ध होता है, इसलिए कोई प्राण-प्रतिष्ठा करने की आवश्यकता नही होती।

शालिग्राम के प्रकार:

भारतीय धर्म शास्त्र अनुसार शालिग्राम (Shaligram ke labh) को भगवान विष्णु का स्वरुप मानकर पूजा की जाती है, अलग अलग प्रकार के शालिग्राम को भगवान विष्णु का स्वरूप कहा गया है।

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जैसे यदि शालिग्राम गोल आकार का है, तो उसे भगवान विष्णु का गोपाल रूप माना जाता है, यदि शालिग्राम मछली के आकार का है, तो उसे भगवान विष्णु के मछली अवतार का प्रतीक माना जाता है, यदि शालिग्राम कछुए के आकार का होता है, तो उसे भगवान के कछुए और कूर्म अवतार का प्रतीक माना जाता है।

शालिग्राम के उपर उभरने वाले चक्र, लकीरों को विष्णु के अन्य अवतारों रूप जैसे राम, श्रीकृष्ण, नरसिंह का स्वरूप माना गया है।

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शालिग्राम के लाभ/Shaligram ke labh:

घर शालिग्राम (Shaligram ke labh) की पूजा से घर के सारे वास्तु दोष शांत होते है।

शालिग्राम भगवान विष्णु का स्वरूप है, इसलिए शालिग्राम में माध्यम से नारायण, विष्णु, लक्ष्मी कृष्ण जैसी साधना आसानी से की जा सकती है।

यदि घर में पति-पत्नी में लड़ाई झगडा रहता हो, आपस में बनती न हो, तो शालिग्राम (Shaligram ke labh) की घर में अवश्य ही पूजा करनी चाहियें।

शालिग्राम (Shaligram ke labh) की पूजा करने से घर में स्थिर लक्ष्मी का वास होता है, ऐसे घर में कभी दरिद्रता प्रवेश नही कर सकती।

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शालिग्राम की पूजा तुलसी के बिना पूरी नहीं मानी जाती इसलिए शालिग्राम (Shaligram ke labh) की पूजा में तुलसी को अवश्य ही अर्पित करना चाहियें।

शालिग्राम (Shaligram ke labh) और तुलसी शादी कराने से जीवन के सारे अभाव, कलह, पाप, दुःख और रोग दूर हो जाते हैं।

तुलसी और शालिग्राम की शादी से उतना ही पुण्य मिलता है, जितना कन्यादान करने से मिलता है।

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शालिग्राम की पूजा/Shaligram ke labh:

घर में पूजा स्थान में एक पिला कपड़ा बिछा कर, एक चांदी या स्टील के प्लेट में शालिग्राम (Shaligram Benefits) को पंचामृत से स्नान करवाकर स्थापित करे, शालिग्राम पर चंदन लगायें, शालिग्राम (Shaligram ke labh) सामने एक तुलसी का पत्ता रख दे, धुप-दीप जलाकर भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए, हल्दी की माला से निम्न मन्त्र की 1, 3, या 5 माला जाप करे, उसके बाद विष्णु जी की आरती करे।

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।। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ।।

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