स्फटिक माला के लाभ (Crystal Rosary Benefit): स्फटिक पत्थर देखने में कांच जैसा प्रतीत होता है। स्फटिक पत्थर से विशेष नोकीले मनके बनाकर मालाएं भी बनाई जाती हैं जो अत्यंत आकर्षक होती हैं। स्फटिक की माला धारण करने से शुक्र ग्रह दोष समाप्त होता है। शुक्र ग्रह उच्च ग्रह के अनुसार फल देने लग जाता है।
Sphatik Jaap Mala For Pooja (108+1 Beads) By Timeshopee
लक्ष्मीसूक्त के अनुसार माता लक्ष्मी की उपासना के लिए स्फटिक की माला शुभ मानी गई है। स्फटिक “पंचमुखी ब्रह्मा” का स्वरूप है। इसके देवता कालाग्नि हैं। इसके उपयोग से दु:ख और दारिद्र नष्ट होते है और पुण्य का उदय होता है, शारीरिक स्वास्थ्य प्राप्त होता है, पापों का नाश होता है। इसका मंत्र है – ‘
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पंचवक्त्र: स्वयं रुद्र: कालाग्निर्नाम नामत:’ सोमवार को स्फटिक माला धारण करने से मन में पूर्णत: शांति की अनुभूति होती है एवं सिरदर्द नहीं होता। शनिवार को स्फटिक माला (Crystal Rosary Benefit) धारण करने से रक्त से संबंधित बिमारियों में लाभ होता है। अत्यधिक बुखार होने की स्तिथि में स्फटिक माला को पानी में धोकर कुछ देर नाभि पर रखने से बुखार कम होता है एवं आराम मिलता है।
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सिद्ध प्राण प्रतिष्ठित “स्फटिक माला”(Crystal Rosary Benefit) को किसी भी सोमवार को प्रातः 5 बजे से 6 बजे के बीच धारण करनी चाहिये। इसके पश्चात् शिवलिंग पर कच्चे दूध में काले तिल मिलाकर अभिषेक करना चाहिये।