स्फटिक पत्थर का दूसरा नाम सफेद बिल्लौर है, अंग्रेज़ी में स्फटिक को रॉक क्रिस्टल, संस्कृत में सितोपल, शिवप्रिय, कांचमणि और फिटक आदि कहते हैं, स्फटिक पत्थर बर्फ के पहाड़ों के नीचे पाया जाता है,विज्ञान अनुसार जब सिलिकॉन और ऑक्सीज़न के एटम्स मिलते है, तब स्फटिक पत्थर का निर्माण होता है।
Crystal / Sphatik – Diamond Cut Mala
स्फटिक पत्थर देखने में कांच जैसा लगता है, टूटने पर यह नोकीला होता है, स्फटिक पत्थर को गोलाई देकर, स्फटिक की माला बनाईं जाती है।
स्फटिक माला के ज्योतिषय लाभ:
भारतीय ज्योतिष अनुसार स्फटिक पत्थर को शुक्र ग्रह माना गया है, यदि जन्मकुंडली में शुक्र ग्रह खराब फल दे रहा हो, तो स्फटिक माला को या स्फटिक रत्न को चांदी की अंगूठी में जड्वाकर शुक्रवार को धारण करना चाहियें।
Crystal / Sphatik – Diamond Cut Mala
सिद्ध स्फटिक माला/Crystal Rosary Benefits के लाभ:
स्फटिक माला (Crystal Rosary Benefits) एक महत्वपूर्ण माला है, इस माला को चन्द्र ग्रहण के समय लक्ष्मी सूक्त के मंत्रों से प्राण-प्रतिष्ठित और सिद्ध किया जाता है, यदि ऐसी सिद्ध माला को गले में धारण किया जाए तो, निश्चित ही महालक्ष्मी की विशेष कृपा की प्राप्ति होती है, अस्त्रों मंत्रा के सिद्ध साधकों ने स्फटिक माला को लक्ष्मी सूक्त मंत्रों से सिद्ध किया है, जिससे इस माला का लाभ सभी लोगों को आसानी से मिल सके।
Crystal / Sphatik – Diamond Cut Mala
स्फटिक माला/Crystal Rosary Benefits के लाभ:
स्फटिक माला (Crystal Rosary Benefits) को धारण करने से शुक्र ग्रह के दोष समाप्त होते है।
स्फटिक माला एक महत्वपूर्ण माला है, इस माला से शुक्र साधना, अप्सरा साधना, सोंदर्य साधना, लक्ष्मी साधना आसानी से संपन्न की जा सकती है।
यदि लड़के की शादी नही हो रही हो, तो किसी भी शुक्रवार के दिन शाम के समय स्फटिक माला (Crystal Rosary Benefits) को धारण करने से शीघ्र विवाह के योग बनते है।
Crystal / Sphatik – Diamond Cut Mala
सुन्दरता प्राप्त करने के लिए स्फटिक माला को इत्र में 27 दिन तक डुबो कर रखें, फिर उस माला को किसी भी शुक्रवार को धारण कर लेना चाहियें।
तंत्र शास्त्र के अनुसार स्फटिक माला (Crystal Rosary Benefits) को धारण करने से तंत्र दोष, समाप्त हो जाता है।
Crystal / Sphatik – Diamond Cut Mala
शनिवार को स्फटिक माला धारण करने से रक्त संबंधित बीमारियां दूर होती है।
स्फटिक माला (Crystal Rosary Benefits) को घर के मंदिर में महालक्ष्मी की प्रतिमा को पहनाने से घर में सदा लक्ष्मी का वास बना रहता है।
स्फटिक माला को धारण करने का विधान:
सिद्ध स्फटिक माला (Crystal Rosary Benefits) को धारण करने के लिए किसी भी शुक्रवार के दिन प्रात: स्नान करने के बाद निम्न मन्त्र को 108 बार बोलकर स्फटिक माला के उपर 108 अक्षत (चावल) चढ़ाये ऐसा करने से माला एक्टिव हो होकर अपना पूर्ण फल देने लग जाती है।
।। ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं सिद्ध लक्ष्यमयें नमः ।।