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रुद्राक्ष माला के लाभ/Rudraksha Rosary Benefits
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रुद्राक्ष माला के लाभ/Rudraksha Rosary Benefits

रुद्राक्ष के लाभ (Rudraksha Rosary Benefits): रुद्राक्ष अपने विभिन्न गुणों के कारण व्यक्ति को दिया गया प्रकृति का अमूल्य उपहार है। मान्यता है, कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के नेत्रों से निकले आंसुओं से हुई है। अनेक धर्म ग्रंथों में रुद्राक्ष के महत्व को प्रकट किया गया है। रुद्राक्ष को धारण करने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं, इसे धारण करके की गई पूजा हरिद्वार, काशी, गंगा जैसे तीर्थस्थलों के समान फल प्रदान करती है।

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रुद्राक्ष की माला (Rudraksha Rosary Benefits) से मंत्र उच्चारण करने से फल प्राप्ति की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। इसे धारण करने से व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। रुद्राक्ष की माला अष्टोत्तर शत अर्थात 108 रुद्राक्षों की या 52 रुद्राक्षों की होनी चाहिए अथवा सत्ताईस दाने की तो अवश्य हो। इन्हीं संख्या में इन रुद्राक्ष  मनकों की माला (Rudraksha Rosary Benefits) विशेष फलदायी होती है।

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शिव भगवान का पूजन एवं मंत्र जाप रुद्राक्ष की माला से करना बहुत प्रभावी माना गया है, तथा साथ ही साथ अलग-अलग रुद्राक्ष के दानों की माला से जाप या पूजन करने से विभिन्न इच्छाओं की पूर्ति होती है। रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को लहसुन, प्याज तथा नशीले भोज्य पदार्थों तथा मांसाहार का त्याग करना चाहिए। सक्रांति, अमावस, पूर्णिमा और शिवरात्रि के दिन रुद्राक्ष धारण करना शुभ माना जाता है।

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मालाओं में “रुद्राक्ष” माला (Rudraksha Rosary Benefits) एक उच्चकोटि की माला कही जाती है, रुद्राक्ष एक मुखी से इक्कीस मुखी तक होते है और इन सबका अपना-अपना महत्व होता है, जो अलग-अलग उद्देश्य के लिए धारण की जाती है। आमतौर पर एक से लेकर चौदह मुखी रुद्राक्ष की माला बनाई जाती है। शस्त्रों में कहा जाता कि 26 दानों की माला सिर पर, 50 की गले में, 16 की बांहों में और 12 की माला मणिबंध में धारण करने का विधान है। 108 दानों की माला पहनने से अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है। पद्म पुराण, शिव महापुराण अनुसार इसे पहनने वाले को शिवलोक मिलता है।

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शिवपुराण में कहा गया है:

“यथा च दृश्यते लोके रुद्राक्ष: फलद: शुभ:
न तथा दृश्यन्ते अन्या च मालिका परमेश्वरि”

अर्थात : विश्व में रुद्राक्ष की माला की तरह दूसरी कोई माला फल देने वाली और शुभ नहीं है।

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श्रीमद् देवी भागवत् में लिखा है:

“रुद्राक्ष धारणच्च श्रेष्ठ न किचदपि विद्यते”

अर्थात : विश्व में रुद्राक्ष (Rudraksha Rosary Benefits) धारण से बढ़कर कोई दूसरी चीज नहीं है। रुद्राक्ष की माला श्रद्धा से पहनने वाले इंसान की आध्यात्मिक तरक्की होती है।

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रुद्राक्ष:

यह सर्वकल्याणकारी, मंगल प्रदाता एवं आयुष्यवद्र्धक है। पंचमुखी रुद्राक्ष मेष, धनु, मीन, लग्न के जातकों के लिए अत्यंत उपयोगी माना गया है। यह माला सामान्यत: सभी मंत्रों के जप के लिए उपयोगी मानी गई है। रुद्राक्ष की छोटे दानों की माला अधिक शुभ मानी जाती है। सिद्ध प्राण प्रतिष्ठित “रुद्राक्ष माला” (Rudraksha Rosary Benefits) को किसी भी सोमवार को प्रातः 5 बजे से 6 बजे के बीच स्वेत चंदन लगाकर धारण करनी चाहिये, इसके पश्चात् शिवलिंग पर कच्चे दूध में काले तिल मिलकर अभिषेक करना चाहिये।

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