Ganesh Mantra/गणेश मन्त्र: According to the Indian tradition, any work is started after worshipping Lord Ganesha and accomplishing him. This is done because the problems which may come afterwards will be eradicated before coming on the way (Ganesh Mantra). One of the forms of Lord Ganesha is “Vighnaharta” means remover of all the obstacles which gives salvation and carnal pleasure both. This accomplishment gives the power to leave a Sattvic life and removes all the poverty and scantiness of the life.
“Avpsitartha Siddhyartha Poojityo yah Surasurey । Sarv Vighna Harastsmye Ganadhipataye Namah ।।
“अभीप्सितार्थ सिद्धयर्थं पूजित्यो य: सुरासुरै: । सर्व विघ्न हरस्तस्मै गणाधिपतये नम: ।।
Ganesh Mantra Sadhana is the best accomplishment which gives result immediately. If this is done systematically, one can remove his poverty for life long(Ganesh Mantra). Financially it is a significant accomplishment which makes the life of the family very smooth. According to Indian tradition on the festival of Deepawali for achievement of wealth, Ganesha is worshipped at first.
Some effectual and unerring results providing Mantra accomplishment is being mentioned here under which gives absolution form all the problems of life. The devotee can chose any Wednesday, Ganesh Chaturthi or in the month of Sravan which will shower with all the blessings from Lord Ganesha. Accomplishments are stated as under:
- Ganesha Sadhana– For complete fortune, beauty, and solving the domestic problems.
- Gung Sadhana– For removing the sins of the life.
- Chintamani Ganesha Sadhana– For the liberty from tantric activities.
- Vijaya Ganesha Sadhana– For the fulfilment of the desire.
- Vinayak Sadhana – For salvation, for the blessing of Lord Ganesha(Ganesh Mantra) and for the blessings of Preceptor.
For the reason or other if you are unable to do the accomplishment, you can chant the spell for 5 turmeric rosaries by sitting on a yellow seat. You will get the required benefits. If you yourself cannot do the accomplishment, take the help of a trust worthy Brahmin.
गणेश साधना
गणेश मन्त्र: भारतीय परम्परा के अनुसार किसी भी कार्य का शुभारम्भ करने से पूर्व गणपति का स्मरण व पूजन अवश्य किया जाता है क्योंकि ऐसा करने से उस कार्य में आने वाली समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। जिस कारण वह उस कार्य में शीघ्र ही सफलता प्राप्त कर लेता है। गणपति का एक विशिष्ट स्वरूप “विघ्नहर्ता” के रूप में प्रचलित है जो भोग और मोक्ष दोनों को प्रदान करने वाले हैं। जो गणेश और शक्ति के गुणों का साकार रूप हैं और जो सदगृहस्थ व योगमय दोनों ही जीवन को प्रस्तुत करने वाले हैं। ऐसे देव की उपासना व साधना जो देवों के अधिपति हैं, जिसे सम्पन्न कर व्यक्ति हमेशा-हमेशा के लिए अपने जीवन की दरिद्रता से छुटकारा पा सकता है।
“अभीप्सितार्थ सिद्धयर्थं पूजित्यो य: सुरासुरै: । सर्व विघ्न हरस्तस्मै गणाधिपतये नम: ।।
गणपति साधना अपने आप में एक श्रेष्ठतम साधना है जोकि तुरन्त फल देने वाली है। इस साधना को करने से आप अपने जीवन की दरिद्रता को हमेशा-हमेशा के लिए दूर भगा सकते है क्योंकि यह साधना आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण साधना है जिसे प्रत्येक गृहस्थ को सम्पन्न करनी ही चाहिए और वैसे भी भारतीय परम्परा के अनुसार दीपावली के पर्व पर लक्ष्मी प्राप्ति हेतु सर्वप्रथम गणेश पूजन ही सम्पन्न किया जाता है।
भगवान गणपति की कुछ चुनी हुई अमोघ, अचूक फल प्रदान करने वाली विशेष मंत्र साधनाएं आगे दी जा रही हैं, जो जीवन की सभी समस्याओं से मुक्ति दिलाने वाली है। इन्हें साधक किसी भी बुधवार, गणेश चतुर्थी व्रत या श्रावण मास में सम्पन्न करे तो निश्चित रूप से उसे गणेश कृपा की प्राप्ति होती है। भगवान गणेश की साधनाएं जो इस प्रकार से हैं —
- गणेश साधना — पूर्ण सौभाग्य, सौन्दर्य एवं समृद्धि हेतु, तथा गृहस्थ क्लेश निवारण के लिए
- गुं साधना — सर्व पाप, दोष शमन के लिए
- चिंतामणि गणेश साधना — तंत्र बाधा निवारण के लिए
- विजय गणेश साधना — मनोकामना पूर्ति के लिए
- विनायक साधना — मोक्ष, गणेश दर्शन, गुरु कृपा के लिए
किसी कारण वश यदि आप साधना न कर सके तो इन साधनाओं के मन्त्र की नित्य 5 माला मंत्र जाप पीले आसन पर बैठकर हल्दी माला से करें। तब भी इन मंत्रो से अनुकूलता प्राप्त होती है।